हक-हकूकधारी व तीर्थ पुरोहित समाज ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को चेतावनी देते हुए श्राइन बोर्ड को वापस लेने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार इस एक्ट को राज्य के धामों में लागू कर कश्मीर जैसा वातावरण न बनाए। मंगलवार को हक हकूक धारी व तीर्थ पुरोहित समाज ने पंडित महेंद्र नारायण शुक्ला के सानिध्य में त्रिवेणी घाट स्थित गंगा में दुग्धाभिषेक का कार्यक्रम संपन्न किया गया। इस अवसर पर उन्होंने श्राइन बोर्ड के खिलाफ डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से पीआईएल दाखिल करने पर उनके दीर्घायु की कामना की। हक हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल ने त्रिवेंद्र सरकार और केंद्र सरकार को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सरकार को अभी भी इस एक्ट को वापस ले सकती है। उत्तराखंड को कश्मीर बनाने की कोशिश न की जाए। पंडित विनोद शुक्ला ने कहा कि उत्तराखंड चारधाम से पूरे भारत व विश्व में एक संदेश जाता है। इसके लिए यहां की व्यवस्थाओं में छेड़छाड़ कर स्थानीय कारोबारी और तीर्थ पुरोहितों को परेशान न किया जाए।
कोषाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण ने कहा कि अनादि काल से शंकराचार्य पद्धति से चली आ रही पूजा पाठ व्यवस्था और यात्रियों का आवागमन अनवरत चलता रहना चाहिए। प्रदेश सरकार को भारतीय संस्कृति से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। इसके साथ ही उत्तराखंड को विश्व स्तर की पहचान दिलाने वाले तीर्थ स्थलों पर अपनी गिद्ध दृष्टि नहीं डालनी चाहिए। इस अवसर पर केदार सभा के अध्यक्ष पंडित विनोद शुक्ला, महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती, आमंत्रित सदस्य पंडित रवि शास्त्री, देवेशचंद्र शुक्ला, अभिषेक शर्मा, राजेश शुक्ला, प्रभात शुक्ला, सुशील शुक्ला, अरुण शुक्ला, दीर्घायु अवस्थी, महेंद्र शुक्ला आदि मौजूद थे।
तीर्थ पुराहितों ने दी श्राइन बोर्ड को वापस लेने की चेतावनी